श्री नृसिंह चतुर्दशी 2025 — भक्तों की रक्षा का पावन उत्सव
तिथि: रविवार, 11 मई 2025
स्थान: श्रील प्रभुपाद का हरे कृष्णा मूवमेंट, भिलाई-रायपुर
नृसिंह चतुर्दशी का महत्व
यह पर्व भगवान श्री नृसिंहदेव की प्रकट होने की लीला को दर्शाता है। भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा हेतु नरसिंह रूप में प्रकट होकर अत्याचारी हिरण्यकशिपु का वध किया।
भगवद भक्ति की सर्वोच्चता और ईश्वर की कृपा इस दिन के मूल संदेश हैं।
“भगवान अपने भक्त की रक्षा हेतु किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं।”
– श्रीमद्भागवतम 7.8.17, श्रील प्रभुपाद की टीका से
कार्यक्रम की झलकियाँ
भगवान नृसिंहदेव का अभिषेक और पुष्पांजलि
श्रीमद्भागवतम पर विशेष प्रवचन (कांतों 7 से)
भक्त प्रह्लाद की लीला पर नाट्य प्रस्तुति
ह्रदय को झंकृत करने वाला संकीर्तन
एकादशी प्रसाद वितरण सभी श्रद्धालुओं हेतु
नृसिंह कवच पाठ – संकट निवारण हेतु
आप कैसे भाग ले सकते हैं?
अपने परिवार सहित पधारें
सेवा के लिए स्वयंसेवक बनें (सजावट, प्रसाद, तकनीकी आदि)
अन्नदान हेतु दान दें – यह वेदों में सर्वोत्तम दान कहा गया है
अबिषेक में सहयोग – घी, फल, पुष्प, और पंचामृत समर्पित करें
दूर बैठे भी शामिल हों – hkmbhilai.org/live पर लाइव दर्शन
दान एवं सेवा का लाभ उठाएं
“जो नृसिंह चतुर्दशी पर भगवान की सेवा करता है, उसे जीवन में सभी प्रकार की शुद्धि प्राप्त होती है।”
दान करें: hkmbhilai.org/donate
(UPI, बैंक डिटेल्स, और QR कोड वेबसाइट पर उपलब्ध हैं)
श्रील प्रभुपाद कहते हैं..
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“जैसे ही कोई संकट आता है, भक्त ‘नृसिंहदेव’ का नाम लेकर उसकी रक्षा की याचना करता है। और भगवान अवश्य आते हैं।